हजार खामियां हैं,पर एक विशेषता रखता हूँ।
खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll
जिंदगी की किताब में मौका-परस्ती का पन्ना नहीं रखता।
जो पथ विघ्नमान हो, मैं वो सपना नहीं रखता ll
जो ले जाता दिलों तक,वही रास्ता रखता हूँ।
खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll
माना इस सफर की मंजिल थोड़ी दूर नजर आती है।
एहसास में मुझे अपनी शख्सियत मशहूर नजर आती हैll
नियमितता विद्यमान है,कदम आहिस्ता रखता हूँ।
खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll
#कुलदीप खदाना
परिचय : कुलदीप खदाना पेशे से फौजी हैं। इनके पिता-बांके सिंह भी फौजी(अब स्व.)रहे हैं। इनकी जन्म तारीख-२-फरवरी-१९८७ और जन्म स्थान-बुलन्दशहर है। वर्तमान पता-पोस्ट-खदाना,जिला-बुलन्दशहर(उत्तर प्रदेश) है।बी.ए. तक शिक्षित श्री खदाना का कार्यक्षेत्र-पैरा मिलिट्री (एसएसबी)है। आपके लेखन का उद्देश्य-शौक ही है।
शानदार बंधु