हंसी-ठिठोली आंख-मिचौनी, बचपन के दिन वो चार। स्मृति पटल पर आता जब भी बचपन, हो जाता नव ओज का संचार। खेल-खिलौने गुड्डे-गुड़िया, मिलता निश्छल सबका दुलार। आना-कानी अथक मनमानी, मां की डपट में छिपा रहता प्यार। साथी-संगी का सांझा झोल झपाटा, गुंंथा रहता स्नेह का अटूट धागा। निश्छल तरंग नित […]

तस्वीर तेरी जब देखी,मैंने ये श्रंगार लिखा, अधरों ने तो कुछ न बोला,नैनों ने इकरार लिखा। बहती सर्द हवा के हाथों,मैंनें भी पैगाम दिए, तेरी यादों के सपनों को,जाने कितने नाम दिए। उर उपवन में खिलती कलियाँ,प्रेम-प्रेम महकाती है, सांसों की धीमी सरगम भी,नाम तुम्हारा गाती है। अंगड़ाई जब लेती […]

आओ सूरज की किरणों, तुम्हें अपनी बांहों में समेट लूँ, न फिर हो कहीं अंधेरा, किसी की जिंदगी की राहों में। न हो कोई बेबस,बेसहारा, किसी की निगाहों में, न हो कोई मजबूर, न हो कोई मजलूम कभी भी। हर मजबूर को थोड़ी-सी उम्मीद का प्रकाश दे सकूँ, इसलिए- आओ […]

जीवन तो है यह अनमोल, है ऋषियों-शास्त्रों के ये बोल। धरा धाम पर नहीं अकारण, आना हुआ लो मन में तौल॥ दीप निशा में तमस मिटाता, ऊर्जा रोशनी है सूरज लाता। है पवन किए जीवन्त जगत को, पावस धरा की प्यास बुझाता॥ सौरभ सुमन विटप फल देते, नदियाँ नीर विकल […]

अजब-सी एक आदत है तुम्हारे ग़म में रोने की, मुसीबत यह कि ये आदत नहीं अब दूर होने की। न जाने क्यों तेरी यादों को दिल में बन्द रखता हूँ, अगरचे है पता मुझको नहीं ये चीज़ खोने की। मेरी आँखों में हरदम तुम बसे रहते हो कुछ ऐसे, कि […]

बेटी तो बस बेटी है, बेटी एक तो शक्ति है। जगत की भी जननी है, बेटी को कमजोर न समझो। जब तक बेटी,बेटी है, लगती सबको छोटी है। सुन्दर प्यारी बच्ची है, दिल की बहुत ही सच्ची है। लक्ष्मी बनकर आती है, जब बेटी पैदा होती है। कन्यादान बेटी का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।