इंसान तेरी इंसानियत को डूबते देखा है, दूसरों की बुराइयों को ढूंढने वाले तेरे खुद की नीयत को बदलते देखा है। इंसान तेरी इंसानियत…॥ शिकवा करें किससे,कि सिकन्दर ही साबुत नहीं। घुटकर रह जाती,सच्चाई कण्ठ पर, दिखता है,कोई महफूज नहीं॥ कसक कसौटी की विलाप यहाँ, झर-झर के आँसू को,बहते देखा […]

कुछ आशाओं,कुछ सपनों को संजोते ये खिलखिलाते बच्चे, कभी जानी-पहचानी तो कभी अनजानी राहों पर उन्मुक्त हो, दौड़ते ये खिलखिलाते बच्चे। न ईर्ष्या,न द्वेष इन्हें किसी से, प्यार से दिल जीतते ये खिलखिलाते बच्चे। पर न जाने किस बोझ तले अंधेरी गलियों में गुम होते, चमचमाते खिलौनों से खेलते,अपने प्यारे […]

सर्दी ने मचाई गुंडागर्दी, पहनकर शीतलहर की वर्दी। क्या बच्चे-बूढ़े,क्या जवान, थर-थर कांप रहे ऐसी सर्दी॥ दूध संग पीएं खारक-हल्दी, शरीर रहे बच्चों सदा हेल्थी। गरमागरम जलेबी,गराडू भी, खूब भाते आती है जब सर्दी॥ मम्मी कहे सो जा बेटा जल्दी, रजाई,कंबल है हमारे हमदर्दी। सूरज दादा भी लेट हो जाते, […]

पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो। प्राण प्रिय ‘वो’ पिया दिखेंगे, जरा ठहर धड़कन को देखो। सर-सर बहती हवा सुहानी, केवल गाती उसकी कहानी। कान लगाकर सुनो गौर से, हवा के मन, कम्पन को देखो। पिया मिलन को आतुर नैनों, सृष्टि के कण-कण को देखो॥ मंथर-मंथर […]

बैचेन निगाहें तुम्हें ढूंढ रही है, कब आओगे कान्हा ! ये पूछ रही है चढ़ ऊँची अटारी, राह निहारी तुम्हारी आ गया बसंत.. अब बारी है तुम्हारी, मिन्नतें कर-कर मैं तो हारी तुमसे, शरण ले लो अपनी बांके बिहारी मैं तो जनम-जनम की प्यासी दासी तुम्हारी, आ गया बसंत भी […]

कभी अपने से कभी, गैरों से छले गए रिश्ते।             मतलब की कढ़ाही में             तले गए रिश्ते॥ रोते रहे सिसक-सिसक, कर बेचारे अकेले में।             आंसूओं को पीते रहे,           […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।