संस्कृति,परंपरा,शिष्टाचार, सब गले-मिलें-बांटें प्यार। हृदय-हृदय में नेह पले, द्वार-द्वार एकात्म के दीप जले॥    छट जाएं तिमिर गहरे,    घर-घर वेद-पुराण पढ़ें।    स्वार्थ,लोभ,ईर्ष्या,द्वेष,    फैले हुए क्लेश को हरे॥ आदि शंकराचार्य के मार्ग पर चलें, एकात्म की पावन धारा बहे। छोड़ अहम,वैचारिक स्तर को, एकात्म भाव ले,सब गले […]

युग सृजन की नव कड़ी को जोड़ती मैं, कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ती मैं। रश्मियों को मैं सदा आहूत करती, रुख हवाओं का प्रभंजन मोड़ती मैंll दीप को देकर सहारा दीप्त करती, मैं सदा नव मल्लिका में ओज भरती। आँधियाँ-तूफान मेरे हमसफर, काल हो-कलिकाल हो,मैं नहीं डरतीll हम अनल में […]

न जाने क्या थी उसको कसर, जो छोड़ गई बीच में वो सफर। जमाने की चकाचौंध में इतनी, हुई दिवानी कि नहीं रखा सबर॥ कर रहें हम तो यादों में बसर, उसको भी है इसकी खबर। जिन्दगी खट्टा-मीठा आनंद है, दिल की बातें आज है बेअसर॥ जमाने के सच का […]

नटखट बंदर चला बजार, मम्मी से लेकर रुपए चार। मिठाई देख मन ललचाया, झटपट करने लगा सड़क पार॥ लाल रोशनी थी देख न पाया, टक्कर मार गई एक कार। गिरा बीच सड़क पर धड़ाम, करने लगा हाय राम…राम॥ बच्चों तुम भी रहो होशियार, जब भी करो सड़क को पार। दाएं-बाएं […]

नन्हीं आंखें,बहरे कान, ढूँढ रही अपनी पहचान। तन पर मैले-फटे कपड़े , धूप रोकता नहीं मचान॥ कहते महक रहा जहान, गरीबी,बेबसी से अंजान। पढने-लिखने से वंचित, कमाने चली नन्हीं जान॥ क्योंकि घर में नहीं धान, माँ बीमार,पिता बेजान। पढ़ने-लिखने से पहले, रखना है हमें इनका ध्यान॥         […]

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस विशेष  देश का ह्रदय स्थल, मध्यप्रदेश।  हर धर्म-जाति का यहां समावेश॥ शत्रु भी डरते हैं,करने से प्रवेश। ऊँकार जी,महाकाल हैं नरेश॥ प्राकृतिक सौंदर्य,सुंदर परिवेश। दर्शनीय स्थलों का गढ़ मध्यप्रदेश॥ पंचमढ़ी,खजुराहो,बावनगजा विशेष। उज्जैन,इंदौर प्रसिद्ध है देश-विदेश॥ मांडू,बाग गुफा का सुंदरतम परिवेश। भेड़ाघाट,गोम्मटगिरि चर्चित देश-विदेश॥ तानसेन की स्वर लहरी,लता […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।