दीपावली वाले महीने में ही आय कर विभाग को ज्वेलर्स सहित अन्य कारोबारियों के संस्थानों की जांच करने की याद आती है।विक्रय कर विभाग को बर्तन व्यापारियों के व्यवसाय में गड़बड़ी ढूंढने का मौका मिलता है। ग्यारह महीने तक फूड विभाग जिन मिठाई नमकीन वालों से पैकेट लेकर साहब बहादुरों […]

हर साल दशहरा मनता है, हर बार रावण यूं ही जलता है,, पूतलों में मरता हर तरफ, मन का रावण मगर कहां दिखता है,, रावण सूचक है बुराई का, हर बार बताया जाता है,, अब हर नर के भीतर रावण, ये राज़ छुपाया जाता है,, कितने दुख तकलीफ सहन की, […]

भले ही बढ़ गई तोंद हमारी,और झड़ गए बाल है,, है लेकिन अपनी भी एक राधा, जिसके हम घनश्याम है,, जिन नैनों से कभी तीर थे चलते, उनपे चश्में का पहरा है,, जिन जुल्फों पे लोग थे मरते, अब उनका रंग सुनहरा है,, फैशन से है नाता तोड़ा, कोई ना […]

उत्तर दे दो मोदी जी, क्यूं इतने लाल गवांए है,, क्या इस दिन की खातिऱ ही आप गद्दी पर बेठाए है,, नही चाहिए दाल हमें सस्ती,ना नोकरी की आशा है,, एक सिर के बदले हमें अब तो दस सिर की अभिलाषा है,, देश का कोई बेटा जब फोजी बन जाता […]

जिम्मेदारीं की गठरी ले,मैं दोड़ आया हुं,, ऐ नोकरी मैं घर छोड़ आया हुं,, बचपन के वो खेल खिलोने, रेत से बनते घर के घरौंदे,, वो बारिश़ का पानी जो काग़ज की कश्ती डूबोदे,, उन सारी यादों से मैं मुहं मोड आया हुं,, ऐ नोकरी मैं घर छोड़ आया हुं,, […]

कुमकुम का टीका है बेटी,, कुरान और गीता है बेटी,, जो सब रिश्तों पर भारी हो, वो एक रिश्ता है बेटी,, एक अभूज पहेली है बेटी,, एक मां की सहेली है बेटी,, भाई के ह्रदय की जान है,, और पिता के सर का मान है,, पायल की झंकार है बेटी,, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।