सप्ताह का दिन रविवार,काम होते हैं हज़ार। घर-परिवार में गुज़ार,खुशियां मिलें अपारll मौज सभी मिलकर करो,आया फिर रविवार। अपनों से बातें करो,खुशी गम की हज़ारll नारे झूठे लगा रहे,राजनीति में आज। वादे जनता से किए,नेता जी ने आजll धर्म-जात में बंट गया,देखो अब इंसान। आरक्षण की आग में,जल रहा हिंदुस्तानll […]