मिटे मन का अज्ञान

0 0
Read Time2 Minute, 0 Second
rajesh sharma
सप्ताह का दिन रविवार,काम होते हैं हज़ार।
घर-परिवार में गुज़ार,खुशियां मिलें अपारll

मौज सभी मिलकर करो,आया फिर रविवार।
अपनों से बातें करो,खुशी गम की हज़ारll

नारे झूठे लगा रहे,राजनीति में आज।
वादे जनता से किए,नेता जी ने आजll

धर्म-जात में बंट गया,देखो अब इंसान।
आरक्षण की आग में,जल रहा हिंदुस्तानll

राजनीति की नाव में,बैठे सारे चोर।
लगी डूबने नाव जब,चोर मचाए शोरll

ज्ञान की वाणी खोल दे,मिटे मन का अज्ञान।
हो गुरुवर ऐसी कृपा,पाएं हम सत ज्ञानll

पढ़ते लाखों लोग हैं,ये गीता का ज्ञान।
गीता ज्ञान महान है,कोई बिरला जानll

                                         #राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मन आंगन में मने दीवाली

Fri Oct 27 , 2017
तेरे-मेरे इस बंधन की, एक वंदनवार बनाई है… अंतरमन के द्वारे पर इसकी, लड़ी सजाई है। अपनी प्रीत के हर रंग से मैंने, अनुपम रंगोली बनाई है… निरख चटख रंगों की छटा हर्षित, मन अरुणाई है। नयनों के दीप जलाकर मैंने, दीप कतार लगाई है… तेरे नयनों की प्रज्जवलित बाती, हर दीपशिखा […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।