अमरनाथ यात्रियों की मौत पर आंसू बहाऊं, या झुलसते बंगाल की दास्तान पहले सुनाऊं। बढ़ती महंगाई,भूख से बिलखतों को सहलाऊं, या अन्नदाता की तबाही का मंजर तुम्हें दिखाऊं॥ आपस में बंटते भाई-भाई की दास्तान सुनाऊं, या तार-तार होते सुनहरे सपनों का सच बताऊं। रहनुमा की रहनुमाई पर झर-झर आंसू बहाऊं, […]