यूँ ही साथ दोंगे न

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तुमसे वादा रहा ….
तेरे साथ रहूँगी मैं
जब अपनों का साथ चाहोगे
हमेशा खड़ी मिलूंगी मैं
वादा किया है तुझसे
तुझे तेरे मुकाम तक पहुँचाने का
वो वादा हर हाल निभाऊँगी मैं
माना मुश्किलें तमाम थी
पर तेरे प्यार की डोर साथ थी
फिर वादा करो मुझसे
यूँही चाहते रहोगे न….
मेरी बिखरी लटों को संवारते रहोगे न
रूठ जाऊंगी जब तुमसे
हाथ पकड़ फिर खींच लोगें न
बहुत बोलने की आदत है मुझे
अपनी अंगुली मुस्कुरा कर
फिर लबो पर रख दोंगे न
आदत सी हो गई है तेरे साथ की
बोलो यूँही साथ दोंगे न….
               #डॉ समृद्धि

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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