विद्यालय प्रार्थना

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हे ईश्वर मुझको यह वर दें,
नियमित मैं विद्यालय आऊँ।
संस्कारों से पोषित होकर,
बस मानव अच्छा बन जाऊं।
कहना मानूं सदा बड़ों का,
छोटे जो हों प्यार लुटाऊं।
समय का पालन बचत की आदत,
सदा सत्य से नेह लगाऊँ।
हे ईश्वर मुझको यह वर दें,
नियमित मैं विद्यालय आऊँ।
पर्यावरण से प्यार करुं मैं,
हर उत्सव पर पेड़ लगाऊँ।
दिल में सेवा भाव जगाकर,
जात-पात का भेद मिटाऊँ।
हर घर हो शिक्षा से रौशन,
शिक्षा का वो अलख जगाऊँ।
हे ईश्वर मुझको यह वर दें,
नियमित मैं विद्यालय आऊँ।
करुं मैं आदर सब धर्मों का,
सब पर्वों में ख़ुशी मनाऊँ।
भेद न हो बेटा-बेटी में,
सब लोगों को यह समझाऊँ।
भारत हो सिरमौर विश्व का,
कुछ ऐसा मैं भी कर जाऊं।
हे ईश्वर मुझको यह वर दें,
नियमित मैं विद्यालय आऊँ॥
            #बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’

परिचय : बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’ का जन्म १९६९ का है। आप दरभंगा (बिहार)में प्रधान शिक्षक हैं। शैक्षिक योग्यता दोहरा एमए(इतिहास एवं शिक्षा)सहित बीटी,बीएड और प्रभाकर (संगीत)है। आपके नाम-बंटवारा (नाटक),तिरंगा झुकने नहीं देंगे, व्यवहार चालीसा और मेरी सांसें तेरा जीवन आदि पुस्तकें हैं। आपको राष्ट्रभाषा गौरव(मानद उपाधि, इलाहाबाद)सहित महाकवि विद्यापति साहित्य शिखर सम्मान (मानद उपाधि) और बेहतरीन शिक्षक हेतु स्वर्ण पदक सम्मान भी मिला है। साथ ही अनेक मंचो से भी सम्मानित हो चुके हैं

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3 thoughts on “विद्यालय प्रार्थना

  1. हसौंड़ा जी की प्रार्थना अद्भुत है। इससे बच्चे संस्कारित होंगे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।