अभिमान के वंशज बढ़ गए भोले..

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shyam palod

आज अपराधी यहाँ बढ़ रहे,
क्रोध-कपट की चाहत है।..
नरसंहार और प्रहार से ये
धरती माता आहत है।

मस्तक में हो चंद्र शीतलता,
इसके लिए तुम कुछ तो बोलो..
अभिमान के वंशज बढ़ गए,
भोले अब त्रिनेत्र खोलो।

भावों में बढ़ रही मलिनता,
रह न पाती कहीं पवित्रता..
ऊंच-नीच और जात-पात में,
खो न जाए हमारी समता।

जटाओं से गंगाधारी पावन,
विचारों का झरना खोलो..
अभिमान के वंशज बढ़ गए,
भोले अब त्रिनेत्र खोलो।

ये शरीर निर्मोही काया,
फिर भी किसी को समझ न आया..
एक दिन यह स्वाहा होगा,
अपनों ने ही इसे जलाया।

भस्म होना है भौतिक सुख तो,
लगाकर भभूत, तुम भी डोलो..
अभिमान के वंशज बढ़ गए,
भोले अब त्रिनेत्र खोलो।

घोर कपटता रख बुराई करके,
जीवन जीते लोग..
हर किसी का विलास समझकर,
करते हैं जो इतना भोग।

निंदक और आलोचक को,
विष वमन कर आज तौलो..
अभिमान के वंशज बढ़ गए,
भोले अब त्रिनेत्र खोलो।

     #प्रो.(डॉ.) श्यामसुन्दर पलोड़

परिचय : प्रो.(डॉ.) श्याम सुन्दर पलोड़ पेशे से प्राध्यापक हैं। आप इंदौर में संस्कार कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में विभागाध्यक्ष एवं प्रशासक का कार्य देख रहे हैं। राष्ट्रीय कवि एवं प्रसिद्ध मंच संचालक होने के साथ ही
पूर्व में उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत एवं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेशचंद्र लाहोटी द्वारा मंच संचालन के क्षेत्र में सम्मानित हुए हैं।राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजेता वक्ता रहे हैं। समाचार पत्रों में स्तम्भकार के रुप में लेखन में सक्रिय है। टीवी चैनल पर भी आपके कई कार्यक्रमों का प्रसारण हो चुका है।

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।