तुम्हारा मौन

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vasundhara
तुम्हारे मौन से
मेरी बातों का टकराना,
बिन शब्दों में न जाने
कितनी आशाओं
का रह जाना,
संभव नहीं
प्रत्यक्ष मिलन तो,
आकर
स्वप्नलोक में
मिल जाना,
कुछ अपनी
कह जाना,
कुछ मेरी भी
सुन जाना,
भीतर
व्याकुलता
मन ही मन
है कुछ रिसता,
न कोई बंधन
न कोई रिश्ता,
न जाने
फिर भी
मन से मन
क्यों है बंधता,
उम्र के इस
दौर में
भी न जाने क्यूं
मन है मचलता,
थोड़ी देर
ठहर जा
ठहर जा,
बार-बार
ना जाने
क्यूं यही कहता…॥

                                                                                                        #वसुंधरा राय

परिचय : वसुंधरा राय ने समाजशास्त्र  में एम.ए. और पत्रकारिता मास्टर डिप्लोमा (मुम्बई ) की शिक्षा हासिल की है l आपका बसेरा  महाराष्ट्र के नागपुर में क्लार्क टाऊन(कड़वी चौक के पास) में है l २००८ में राष्ट्रीय हिन्दी पत्रिका में रूपक लेखक का कार्य अनुभव है,और वर्तमान में अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लेखन जारी हैl आप छंदमुक्त कविता,लघुकथा,दोहा छंद,आध्यात्मिक, राजनीतिक,सामाजिक विषयों पर लेखने के साथ ही वर्तमान में सामाजिक सेवाओं में भी संलग्न हैं l विश्वनाथ राय बहुउद्देशीय संस्था `शब्द सुगंध` की संस्थापक व अध्यक्ष हैं तो,अॉल इंडिया रेडियो पर विषय वक्ता के साथ ही मंच संचालिका भी हैं l आपकी लघुकथाओं की दो पुस्तक २०१७ में प्रकाशित होने वाली हैं। आपको सम्मान के रूप में अर्णव काव्य रत्न अलंकार,व्रत प्रतिष्ठान सम्मान,हाइकु मंजूषा रत्न सम्मान सहित राज्य स्तरीय हाइकु सम्मान तथा साहित्यिक सृजन सम्मान भी मिला है l हाइकु विशेषांक,मेरी सांसें तेरा जीवन,हाइकु संग्रह आदि साझा प्रकाशित पुस्तकें हैंl मंच पर कविता पाठ और गायन भी आप करती हैं। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।