कश्मीर में हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत,हिन्दीप्रेमी हुए एकजुट

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#हिन्दी के शोधार्थी,भाषासारथी,लेखक आदि प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
#रंगारंग हिंदी-कश्मीरी प्रस्तुतियों से लुभाया विद्यार्थियों ने 
श्रीनगर।
घाटी में हिन्दी के विकास व विस्तार के लिए कार्यरत संस्था ‘वादीज़ हिंदी शिक्षा समिति’ (पंजी.) श्रीनगर ने  ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ (पंजी.) इंदौर व ‘आकाशवाणी केंद्र श्रीनगर’ के साथ मिलकर बुधवार को टैगोर हॉल में हिंदी भाषा सारथियों के सम्मान एवं हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ यह आयोजन प्रारंभ हुआ,जिसमें मुख्य अतिथि कश्मीर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्षा प्रो. ज़ोहरा अफज़ल,रेडियो कश्मीर श्रीनगर के कार्यक्रम प्रमुख सईद हूमायूँ  कौसर(स्वागताध्यक्ष)एवं डॉ. निदा नवाज़ (राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हिन्दी साहित्यकार) विशिष्ट अतिथि रहे। भारतीय जीवन बीमा निगम,जम्मू और कश्मीर बैंक एवं जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग ने इस कार्यक्रम की  प्रस्तुति में पूरा सहयोग किया।      शुरुआत में वादीज़ हिंदी शिक्षा समिति के निदेशक डॉ.अब्दुल अहद बंदरुं ने सभी अतिथियों का स्वागत-सम्मान किया।
  इस कार्यक्रम का  मुख्य उद्देश्य बच्चों व आवाम में हिंदी में हस्ताक्षर करने  की भावना को जागृत करना, साथ ही साथ उन नवजात लेखकों, कवियों एवं विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों के मनोबल को बढ़ाना था,जो हिंदी भाषा से जुड़े हैं और हिंदी साहित्य को लेकर अपने उज्जवल भविष्य के सपने देख रहे हैं।
इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में अतिथियों के हाथों कश्मीर घाटी के कई प्रसिद्ध कवियों,लेखकों, प्रसारकों,शिक्षालयों को ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ इंदौर ने सम्मानित किया गया|
आकर्षक मंच पर कार्यक्रम में चार चांद तब लग गए,जब यहाँ कई शिक्षालयों के बच्चों द्वारा हिंदी और कश्मीरी भाषा के कई मनभावन नृत्य एवं नाटिका के रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
सम्मान के बाद जब बात हिंदी की उठी तो,मंच से दोनों समितियों के कार्यों की सराहना करते हुए प्रो.ज़ोहरा अफज़ल ने बताया कि, कैसे आतंकवाद के दानव का असर कश्मीर में हिंदी पर हुआ,कैसे 1990 के दशक में हिंदी विभाग बंद होने की कगार पर पहुँच गया  और फिर कैसे गुलजार हुआ। आपने अभी भी हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही।
इस मौके पर मातृभाषा संस्थान से डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ ने हिन्दी की उपयोगिता और उसके कारण ही संस्कृति संरक्षण के महत्व को बताया। साथ ही हिंदी में हस्ताक्षर क्यों हो,इसकी उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। साथ ही संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ.प्रीति सुराना ने विद्यालय स्तर से ही बच्चों को हिन्दी से जोड़ने और प्रेरणा को समझाया।
कार्यक्रम में स्थानीय मीडिया सहित कई विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, लेखक,शायर आदि शामिल हुए। शानदार संचालन की जिम्मेदारी अशफाक लोन ने निभाई। अंत में वादीज़ हिंदी शिक्षा समिति की अध्यक्षा नसरीन अली ने सबका आभार माना।
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वादी में केसर-सी महकी हिन्दी, मातृभाषा.कॉम सम्मानित
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग, जम्मू कश्मीर बैंक,भारतीय जीवन बीमा निगम व वादी’स हिन्दी शिक्षा समिति ने घाटी में हिन्दी के विस्तार व हस्ताक्षर बदलो अभियान हेतु मातृभाषा.कॉम परिवार को सम्मानित किया। श्रीनगर में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में मातृभाषा.कॉम परिवार एवं खबर हलचल  के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ व डॉ. प्रीति समकित सुराना को शाल-श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस सम्मान पर हर्ष व्यक्त करते हुए मातृभाषा.कॉम परिवार को इष्टजनों ने बधाई देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
सुश्री नसरीन अली प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त
हिंदी के बढ़ावे हेतु कश्मीर घाटी सहित समूचे जम्मू-कश्मीर में हिन्दी भाषा को प्रचारित कर रही सुश्री नसरीन अली को मातृभाषा उन्नयन संस्थान की प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसकी घोषणा मंच से संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति समकित सुराना ने की।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।