मेरे अनुज

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gunjan
लाड़,दुलार,मनुहार,
और फिर कभी-कभी तकरार
के बीच समय
ठण्ड की गुनगुनी धूप-सा,
यादों की सुराही में सिमट गयाl
अब तो समझदारी के ताने-बाने बुनते हुए,
कभी उलझते हैं
कभी सुलझ जाते हैं,
खुद में ही
एक दूजे के जज्बातों को
एकदम से समझ जाने का,
ये जादुई सिलसिला तो
अनवरत रहेगा।

नदियों की भाँति,
हम दो बहनों की कल-कल में
जब से तुम्हारा नाद शामिल हुआ
तब ये रिश्ता संगम बन
और भी पावन हो गया।

माता-पिता और बड़ों के
अनुभवों के चाक पर,
तुम्हारी संवेदनाओं को
जो परिपक्वता मिली,
सम्भाल रखना उन्हें
बिखरने से
और बढ़ चलना,
लक्ष्य के उत्तुंग शिखर
छूने को।

मेरे अनुज,
जन्मोत्सव का ये शुभ अवसर
चिरकाल तक तुम्हें
आशीष देता रहे॥

                                                        #गुंजन गुप्ता
परिचय : १९८९ में जन्मी गुंजन गुप्ता ने कम समय में ही अच्छी लेखनी कायम की है। आप प्रतापगढ़ (उ.प्र) की निवासी हैं। आपकी शिक्षा एमए द्वय (हिन्दी,समाजशास्त्र), बीएड और यूजीसी ‘नेट’ हिन्दी त्रय है। प्रकाशित साहित्य में साझा काव्य संग्रह-जीवन्त हस्ताक्षर,काव्य अमृत, कवियों की मधुशाला है। कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। आपके प्रकाशाधीन साहित्य में समवेत संकलन-नारी काव्य सागर,भारत के श्रेष्ठ कवि-कवियित्रियां और बूँद-बूँद रक्त हैं। समवेत कहानी संग्रह-मधुबन भी आपके खाते में है तो,अमृत सम्मान एवं साहित्य सोम सम्मान भी आपको मिला है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।