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बेटियाँ तो हैं अनमोल रतन,
इनका सब करो रे जतनl
न मारो इनको कोख में यूँ ही,
इनसे ही खिला रहे घर-आंगनl
बेटियां तो हैं कली गुलाब की,
कच्ची उम्र में न ब्याहो बाबुलl
शिक्षित करो बिटिया को अपनी,
उसे तुम बोझ न समझो माँ-बाबुलl
बेटी जीएगी तो ही हमें बहू मिलेगी,
बेटी से ही ससुराल और मायकेl
दोनों घरों का मान-सम्मान बढ़ाएगी,
संभालो इन्हें,ख़ुशी दो इनकोl
इनको दो जीवन में जीने के सारे अधिकार,
बेटियों का कभी कोई न करो तिरस्कारl
बेटियां तो तो हैं लक्ष्मी हर घर की,
इनके बिना है सारा संसार अंधकारl
#विनीता चैल
परिचय : झारखंड राज्य से सम्बन्ध रखने वाली विनीता चैल की जन्मतिथि १५जनवरी १९७७ एवं जन्मस्थान-रामडीह है। आपने इतिहास विषय से स्नातक की पढ़ाई की है। कार्यक्षेत्र आपका परिवार ही है। वर्तमान में झारखण्ड के शहर बुंडू (रांची) में चौक बाजार में निवास है। लेखन आपकी पसंद का काम है। कुछ प्रतिष्ठित दैनिक अखबारों में आपकी रचना प्रकाशित हुई है। लेखन का उद्देश्य रुचि है।
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