परम इतिहास प्यारा है

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avdhesh
चमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है।
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥

हिमालय की बुलंदी से, यही आवाज है आती।
बचा लो हिन्द के वीरों, वतन के आन की थाती॥
लुटाया लाल माँओं ने, दुल्हन पति को बहन भाई।
बहुत कुर्बानियाँ लेकर, ये आजादी – दुल्हन आई॥
कली कश्मीर की कहती, तिरंगा ध्वज हमारा है।
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥

असम,मेघा,मिजो,त्रिपुरा, अरुण अंचल की तरुणाई।
सुनो नागों की धरती से, बजे प्यारी-सी शहनाई॥
भरा मणियों से मणिपुर, गोरखा सिक्किम की घाटी से।
उगे सूरज सदा पहले, खिलाए फूल माटी से॥
नमन इस भूमि को कर लें, जो पूर्वोत्तर पुकारा है।
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥

तमिल केरल उड़ीसा आन्ध्र, कर्नाटक भी मुस्काया।
महा, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा मधुर माया॥
लगा उत्तर हिमाचल मध्य पाटलिपुत्र गुण गाने।
कबीरा दास तुलसी सूर दिनकर औध रसखाने॥
कलम तलवार को भी मात दे बनती सहारा है।
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥

पखारें भूमि भारत की, अरब औ हिन्द की लहरें।
खड़ा पंजाब प्रहरी-सा, पताका विश्व में फहरे॥
नमन बंगाल के गुरु को, अमन का राग जो गाए।
नमन गाँधी के मन्त्रों को, नमन झंडा जो फहराए॥
विधाता की धरा पावन, करे गंगा की धारा है।
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥

                                                    #अवधेश कुमार ‘अवध’ 

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