तिरंगा

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manoj kumar
नाचो झूमो गाओ साथी आओ,
आओ साथी मिल के गाओ आओ…।
विजय दिवस है,आज तिरंगा ऊँचा है,
मिल के ख़ुशी मनाएं, तिरंगा ऊँचा है
ऊँचा है तिरंगा अपना ऊँचा है,
ऊँचा है तिरंगा प्यारा ऊँचा है।
ये चूम रहा नभ को भी, इसने भेदा है,
रण थल और पाताल भी,इसने देखा है
बहा लहू को हिन्द ने,इसको सींचा है,
करो गर्व हर जगह, तिरंगा जीता है।
विजय दिवस है,आज तिरंगा ऊँचा है…॥
गाँवों में झोपड़ियों में,शहरों में तंग गलियों में,
हाथों में तिरंगा है,अधरों पे तिरंगा है
भारती की शान ये है,शक्ति और सम्मान ये,
सरहद पे तिरंगा है,सीने में तिरंगा है।
विजय दिवस है,आज तिरंगा ऊँचा है…॥
नन्हें-मुन्ने बच्चों के हर,सपनों में तिरंगा है,
खेत सड़कें आज कण-कण भारत का तिरंगा है
रोज लिखे इतिहास नित,दुनिया का दिल जीता है,
करो नमन उन वीरों को,जिनसे ये ध्वज ऊँचा है।
विजय दिवस है,आज तिरंगा ऊँचा है…॥
                                                                              #मनोज कुमार 
परिचय: मनोज कुमार की जन्मतिथि-५ अप्रैल १९८५ तथा जन्म स्थान इमामाबाद है। आपका निवास उत्तरप्रदेश के जिला बुलंदशहर स्थित इमामाबाद(डाकखाना खानपुर) में ही है। एम.एस-सी.(गणित शास्त्र)के साथ ही बी.एड. करने वाले मनोज कुमार ने यूपी टीईटी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक भी किया है। कार्यक्षेत्र-यीस्ट फर्मेंटेशन कम्पनी में सहायक उत्पादन प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। ब्लॉग पर भी लिखने के शौकीन हैं, और सामाजिक क्षेत्र में गीत,भजन, रिपोर्ताज,कहानी,हाइकू रचते हैं। आपको रिपोर्ताज सम्मान, साक्षात्कार सम्मान तथा आनलाइन विराट कवि सम्मेलन सम्मान मिला है। लेखन का उद्देश्य यही है कि,मन को शांति मिलती है। एक बेहतर गीतकार बनना,और इसके माध्यम से अवाम का दिल जीतना चाहते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।