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केवल तू ही तू कान्हा,
दूजी न आरजू कान्हा।
पूजा करता हूँ तुम्हें बड़े अरमान के साथ,
ख्वाहिशें पालता हूँ बड़े अभिमान के साथ।
देखो मुझसे कभी तुम भी रूठ जाना नहीं,
सोचता हूँ तुम्हें ही निर्दयी सम्मान के साथ॥
ख्वाहिशें पाने की तुम्हें पूरी करो न करो पर,
धड़कन में बसे हो बांसुरी की तान के साथ।
तुझसे जुदा तू ही बता अपनी जात कहाँ है,
कान्हा आन मिलो अब तो मेरे प्रान के साथ॥
ख्वाहिश पाली है तो सुनो केवल तुम्हारी,
खेल न खेला करो केवल मेरी जान के साथ।
मर्जी तुम्हारी मोहन,केवल अर्जी हमारी है,
दुनिया से बुलाना ख्वाहिश है शान के साथ॥
#आनंद पाण्डेय ‘केवल’
परिचय : आनंद पाण्डेय ‘केवल’ की उम्र 45 वर्ष है और आप सेवनिवृत्त शिक्षक (मुंबई) हैं। मुंबई में निवास है,पर पैतृक निवास उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में है। आप कार्यक्षेत्र के रुप में मुंबई में कम्पनी में कार्यकारी संचालक के तौर पर सक्रिय हैं। लेखन में रुचि है और पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मात्र एक वर्ष का लेखन अनुभव है और भावों की तुकबंदी पर अधिक लिखते हैं। तबला वादन में स्नातक होने के साथ ही कुछ अन्य उपलब्धियां भी पाई हैं। कवि मित्रों की रचनाएँ पढ़ने का चिंतन तथा मनन करना आपको अच्छा लगता है।
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