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मैया दूध पिलाओ ना,
भूख लगी है आओ न।
दूध पिलाकर,लोरी गाकर,
वापिस मुझे सुलाओ न॥
मैया तेरी गोदी मुझको,
बहुत सुहानी भाती है।
तेरी वाणी ,तेरे हाथों ,
मेरी निंदिया आती है॥
मैया तेरी बातें,ममता,
मेरे मन को हरती है।
मेरा अम्बर,पंछी,बादल,
तू ही मेरी धरती है॥
#मुकेश बोहरा ‘अमन’
परिचय : मुकेश बोहरा ‘अमन’ अधिकतर बाल रचनाएँ रचते हैं। आप पेशे से अध्यापक होकर बाड़मेर (राजस्थान) में बसे हुए हैं।
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