मेरे पिता…

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कई बार एक साथ कई सारी चीजे करने का मन करता है ।जब स्कुल में थी तो पिता अक्सर कहते थे की खुदी को कर बुलंद इतना की तक़दीर से पहले खुद बन्दे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या है …तमाम मिट चुकी स्मृतियों के बीच बस यही याद बाकि है कि कितना बुलंद किया है खुद को … आज भी अस्तित्व की जद्दोजहद जारी है अजीब विरोधाभासी व्यक्तिव जुड़ते बिछड़ते रहे कई बार अनुकरर्णीय भी जिन्होंने दिशा देने में मदद की कई बार वक़्त आजमाता रहा कभी वक्त पर लोगो को भी आजमाया मैंने चहरो से लिपटा अपनत्व का मुख़ौटा भी उतरा कई बार अपनों का भी और परायो का भी …
तब दिल में आया की
आज फिर से आजम ले ऐ वक़्त तू मुझे
कर ले सितम जो तेरी हद में हो ..
लेकिन पिता की कही ये दो लाइने की खुदी को कर बुलंद …
आज भी मेरे कानो में मेरे दिल में बसी है जो जीने की ललक को न हारने की जिद को मुझमे जिन्दा रखे है ।

 लेखिका परिचय : कीर्ति कापसे जी एम ए (हिस्ट्री), मास्टर आफ जर्नलिज़्म |
लेखन में रूचि तो लंबे समय से है ,ब्लॉग ,कविताएं , संस्मरण, कहानियां लेखन में रूचि साथ ही राजनितिक टिप्पणियाँ लिखना भी आपकी पसंद में शुमार है । गत 18 वर्षो से कार्यरत हूँ जिनमे 7 वर्ष शैक्षणिक सेवाएं दी ।10 वर्ष दैनिक भास्कर में मार्केटिंग में विभिन्न विधा में काम किया व गत एक वर्ष से नई दुनिया में सीनियर मेनेजर के पद पर कार्यरत है |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।