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जहाँ ऋषिगण भी मन्त्रों से,
सुखी हों गान करते हैं।
जहाँ की एकता वन्धुत्व-
पर अभिमान करते हैं।
प्रकृति ने इस कदर ‘अरविन्द’,
इसको है सजाया कि ..
बना भारत का नक्शा है,
यही अनुमान करते हैं।
#वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’
परिचय : वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’ टेलियागढ़ (जिला-फैजाबाद(उप्र) में रहते हैं।आप काफी समय से काव्य रचना में लीन हैं।
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