‘बादशाहो’ से ग्रहण ख़त्म होने की उम्मीद…

0 0
Read Time3 Minute, 29 Second
edris 
पूर्वावलोकन………
अजय देवगन अभिनीत और मिलन लुथरिया निर्देशित फिल्म ‘बादशाहो’ १ सितम्बर को प्रदर्शित होगी। विवाद से बचने के लिए निर्देशक फ़िल्म को काल्पनिक घटना बता रहे जबकि, अफवाहों की मानें तो १९७५ में आपातकाल के ठीक पहले इंदिरा गांधी (तात्कालिक प्रधानमंत्री थी) ने राजस्थान की रियासत आमेर की रानी गायत्री देवी के महल पर ऑपरेशन चलाया था। इसके पीछे ऐतिहासिक मिथक था कि, अकबर के सेनापति राजा मानसिंह जो कि अफगानिस्तान से जीत कर खज़ाना लाए थे,का कुछ हिस्सा यहां छुपाया था। खजाना खोजने का जो अभियान चलाया था,इसमें उनके पुत्र संजय गांधी भी शरीक थे। पूरे शहर में ७ दिन का कर्फ्यू लगाकर खजाना निकालकर दिल्ली लाया गया और जहाज में लादकर विदेश भेज दिया गया। रानी गायत्री देवी ३ बार जीती सांसद और इंदिरा गांधी की घोर विरोधी भी थीं। इसी घटना को इस फ़िल्म में दिखाया गया है।
IMG-20170816-WA0030
खैर फ़िल्म पर आ जाते हैं। मिलन की फिल्में-दीवार, डर्टी पिक्चर्स, कच्चे धागे, वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई १/२ और चोरी-चोरी आप देख चुके हैं।
इस फ़िल्म में अजय के साथ विद्युत जामवाल का होना एक्शन का वादा है। साथ में इमरान हाशमी का होना प्रेम की तो सनी लियोनी का आइटम सॉन्ग ‘आवारा-आवारा…’ देखते ही बन रहा है
फिल्म ‘बादशाहो’ में ऐश का भी केमियो है। अजय के साथ इलियाना डिक्रूज, इमरान हाशमी,विद्युत जामवाल,ईशा गुप्ता,संजय मिश्रा,राजपाल यादव
भी हैं। ये फिल्म एक्शन,रोमांस प्रेम और थ्रिलर से भरपूर है।
बॉलीवुड में ‘दंगल’ तथा ‘बाहुबली २’ के बाद से बड़ी फिल्मों को सफलता का ग्रहण लग गया है,जो शायद ‘बादशाहो’ से खत्म हो।

                                                              #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बनो फिर लक्ष्मीबाई

Thu Aug 17 , 2017
बनो फिर लक्ष्मीबाई तुम झुका आकाश को डालो। जरा सूरज के मुंह  पर भी, नए प्रकाश को डालो॥ उठा लो फिर से तलवारें, सुनो  ए  देश की नारी। जुल्म करने ही वालों के, बदल इतिहास को डालो॥                           […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।