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प्रेम सत्य है,
प्रेम शिव सुंदर
सब कुछ है।
प्रेम धरा से,
सूर्य चंद्र दोनों का
जग सुंदर॥
नमन ईश,
जग सुंदर बना
आपकी देन॥
प्रेम से रहो,
प्रेम से सीखो सब
प्रिय बनोगे॥
#शैलश्री आलूर ‘श्लेषा’
परिचय : डॉ.शैलश्री आलूर का काव्यनाम ‘श्लेषा’ है। प्रारम्भिक शिक्षा के बाद एमए,बीएड और एम.फिल. करके पीएचडी की है। निवास कर्नाटक राज्य के बादामी नगर (जिला बागलकोट) में है। लेखन के लिए आपके पिता श्री शनमुखप्पा ही आपकि प्रेरणा और हिम्मत हैं।
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आदरणीय अजय जी आभार आपका । पर यह विधा मुक्तक नहीं हाइकू है ।
Exlent job.. Keep it up mam..