गुरु पूर्णिमा पर कुछ दोहे

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गुरु बिन न बुद्धि मिले,गुरु बिन न होए ज्ञान।
गुरु बिन न पथ मिले,गुरु बिन न मिटे अज्ञान।।

गुरु तीनों देव है,इससे बड़ा जग में न कोय।
जो इसकी शरण मेंजाए,उसका हित
होय।।

मां सबसे पहली गुरु है,जो सिखाती सब ज्ञान।
उसकी पहले वंदना करो,जो रखे तुम्हारा ध्यान।।

गुरु की महिमा सबसे बड़ी, जो है अम्प्रम पार।
इसकी महिमा समझ गया,उसकी नैया पार।।

गुरु का दर्जा सबसे बड़ा,इससे बड़ा न है कोय।
भगवान भी न इनसे बड़े, जो जग के पालन होय।।

गुरु चरण स्पर्श से,सबको मिलते है आशीष।
शिष्य जितना भी दुष्ट हो,देते नहीं
गुरु दुशिष।।

नानक जी भी एक गुरु थे,जिसने चलाया सिक्ख पंत।
उनके कारण ही चला आ रहा ,आज भी उनका पंत।।

गुरुओं की अनेकों मिशाल है, जिन्होंने दिया सबको ज्ञान।
द्रोणाचार्य विश्वामित्र उनमें एक है जिनसे भारत बना महान।।

गुरु के समतुल्य है नहीं,इस जगत में है कोय।
गुरु से भी नहीं बड़ा,भगवान के गुरु भी होय।।

प्रकृति भी एक गुरु है,जो देती सबको सीख।
कोरोना काल में दे रही है,सबको बड़ी ये सीख।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।