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वो हिन्दू भी देते हैं ईद की मुबारकबाद,
जिनके दिलों में मुहब्बतों के दीप जल रहे।
वो मुस्लिम भी देते हैं दिवाली की बधाई,
जिनके दिलों में अमनो-चैन के ख्वाब पल रहे॥
दिल के किसी कोने में अब भी इंसानियत जिंदा है,
दुख इतना है कि चंद गद्दारों से पूरी कौम शर्मिन्दा है।
जब-जब भी सदभाव से राम रहीम मिलते हैं गले,
तब-तब चंद धर्म के ठेकेदारों के होंठों पे निंदा है॥
#वेदप्रकाश प्रजापति
परिचय : वेदप्रकाश प्रजापति उत्तरप्रदेश के इहालाबाद जिले के रिठैइयां गांव से हैं। १९८४ में संसार में आए वेदप्रकाश को पिता के शिक्षक, साहित्यकार व समाजसेवी(मृत्यु २००२)होने से लेखन विरासत में मिला है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)है। साहित्यिक लेखन कार्य में २००८ से विभिन्न विधाओं में लगे हुए हैं। पेशे से सरकारी (विद्यालय)कर्मचारी हैं,जबकि पत्रकारिता तथा समाजसेवा भी करते हैं।
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