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दिवंगत पुज्यों के प्रति समर्पण,
श्रद्धा से करते श्राद्घ में तर्पण।
देह नश्वर आत्मा है अविनाशी,
पुनर्जन्म के हम हैं विश्वासी।
श्रद्धा से अर्पित कर पितरों की,
सब सदा कृपा चाहा करते।
अन्न धन करते दान विविध ,
काकों को भी बुला जिमाते।
आत्म शान्ति हित तीर्थों में,
होता पितृ पक्ष में गया श्राद्ध।
सच्ची श्रद्धा भक्ति में रत हो,
करते तर्पण विश्वास अगाध।
मात -पिता के चरणों में नित,
श्रद्धावनत हम शीश नवावें।
करें प्रसन्न स्वधर्म पालन से
हम इहलोक भी स्वर्ग बनायें।
#पुष्पा शर्मा
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।
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