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मन अकेला,
चाहे
दूर
क्षितिज
के पार से..
कोई अलबेला
राह निहारे
दिल से पुकारे।
आजा रे,
मेरे मनमीत
बरसों हो
गए तुझ
को मानते..
मन की पीर
जीने नहीं
देती,
आकर
गले लगा ले॥
#श्रीमती राजेश्वरी जोशी
परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।
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