अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया, परिशिष्ट विमोचित

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इंदौर। अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, युनाइटेड ऑर्गनाइजेशन, चेक गणराज्य एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साझा प्रयासों से विश्व मानव अधिकार दिवस (10 दिसम्बर, 2020) के उपलक्ष्य में साहित्य-सेवियों की कविताओं को संरक्षित कर ‘मानव अधिकार संरक्षण परिशिष्ट’ तैयार किया गया। मातृभाषा.कॉम से जुड़े देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने अपनी कविताएँ प्रेषित कीं, जिनमें से अनिता शर्मा, इंदौर, उर्मिला मेहता, इंदौर, पद्मा मिश्रा, जमशेदपुर, नूतन गर्ग, दिल्ली, वर्तिका अग्रवाल, वाराणसी, सरिता श्रीवास्तव, आसनसोल(पश्चिम बंगाल), डॉ. नीना छिब्बर, जोधपुर, रश्मि लता मिश्रा, बिलासपुर, डॉ. कन्हैया लाल गुप्त “किशन”, देवरिया, विजयलक्ष्मी भट्ट शर्मा, दिल्ली, अलका जैन, इंदौर, स्वाति सौरभ,भोजपुर की कविताओं को चयनित कर परिशिष्ट में सम्मिलित किया गया है।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के साथ पीस जस्टिस ह्यूमैनिटी रिलीफ़ फाउंडेशन, राँची एवं वृन्दाविहान बहुद्देश्यीय संस्था, इंदौर के सहभाग से सभी चयनित साहित्यकारों को प्रमाण-पत्र दिए गए।

अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि ‘मानव अधिकारों के प्रति जागरुकता का दायित्व हम हिन्दीयोद्धा भी निभायेंगे और जन जागृति के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।’

परिशिष्ट का संयोजन संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वृन्दाविहान की संस्थापक डॉ. नीना जोशी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा द्वारा किया गया है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।