विद्यालय के स्थापना दिवस पर हुआ प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

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आज के परिवेश में अभिभावकों को बच्चों की चिंता है, बच्चे अपने अभिभावकों को मित्र मानें- डॉ. अर्पण जैन

भीकनगाँव। अंचल के ग्राम गोराडिया स्थित ज्ञान सागर वात्सलय संस्थान द्वारा संचालित ज्ञान सागर हाई स्कूल में क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ रहे।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि ‘आपकी सफलता के पीछे आपके गुरुजन और आपके माता-पिता का भी सहयोग है। आप हमेशा माता-पिता की बात मानें। उनकी कही गईं बातों का अनुसरण करें, आपके आए हुए नम्बर आपकी सफलता नहीं है, बल्कि आपके द्वारा पालन की गई बातें हैं। आज के परिवेश में अभिभावक को अपने बच्चों की चिंता होती है, आप अपने अभिभावकों को अपना मित्र मानकर उनके साथ सहज रहें।’


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जगदीश चन्द्र चोरे ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘संस्था द्वारा चलाई जा रही गतिविधियाँ जैसे पुस्तकालय, पौधरोपण, स्वच्छता, बच्चों के लिए लाभदायक हैं।’ कवि एवं शिक्षाविद् राकेश यादव ने आने वाले करियर के बारे में मार्गदर्शन दिया।


इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष ललित सिंह ने कहा कि ‘हमारी संस्था ही नहीं, क्षेत्र के अन्य विद्यालयों से भी आज पचास से अधिक बालक-बालिकाएँ आयोजन में शामिल हुए हैं, उनके सम्मानजनक परीक्षा परिणाम पर संस्था द्वारा उन्हें भी सम्मानित किया गया है।’
कवि पारस बिरला ने कहा कि ‘निमाड़ी बोली का संरक्षण भी आवश्यक है’, इसी तारतम्य में निमाड़ी गीत सुनाया।
कवि संदीप बिरला, दीपक चाकरे, सुनिल उपमन्यु, सुरेंद्र गीते, महेश मूलचंदानी ने भी कविताएँ सुनाकर संस्था का स्थापना दिवस मनाया।
प्राचार्य रंजना शुक्ला ने सभी अतिथियों को शॉल, श्रीफल व सम्मान पत्र देकर सम्मान किया। आयोजन का संचालन कवि कृष्णपाल सिंह ने किया तथा आभार राजरानी ने माना।
सम्मान समारोह में झिरनिया अभापुरी खोई खरवा से अभिभावक सहित प्रदीप राठौड़, रूपाली सावनेर, रानी गौड़, प्रियांशी मौर्य, काजल मौर्य, उमा चौहान, रितु वास्कले, विश्वजित सिंह, दिलीप सिंह चौहान शिवकुमार सिंह, धनसिंह आदि मौजूद रहे।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।