
इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा प्रति शुक्रवार आयोजित होने वाले ‘सृजन विविधा’ सम्पन्न। कार्यक्रम में डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का आतिथ्य रहा।
डॉ. पद्मा सिंह ने कहा कि ‘कविता की परिधि और व्याकरण का ध्यान रखकर रचना का सृजन करना महत्त्वपूर्ण होता है।’
काव्य पाठ सत्र में किशोर यादव ने कविता ‘वर्दी बोलती है’, रामआसरे पांडे ने ग़ज़ल ‘न जाने कैसी लेखनी अपनी’, जितेंद्र मानव व डॉ. अखिलेश शर्मा ने कविता ‘ओढ़ लबादा सभ्यता का’ पर कविता सुनाई। साथ ही, डॉ. सुधा चौहान, जयंत तिकोटकर, मदनलाल अग्रवाल, नयन कुमार राठी आदि ने रचनापाठ किया। संचालन साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने किया एवं आभार डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने माना।
इस मौके पर अभियंता श्यामसिंह, महेश लोदवाल, ज्योति यादव, नागेश व्यास आदि मौजूद रहे।
