फ़िल्म अभिनेता अखिलेंद्र मिश्र के कविता संग्रह ‘आत्मोत्थानम्’ का विमोचन विश्व पुस्तक मेला में हुआ

0 0
Read Time2 Minute, 24 Second

नईदिल्ली। सुप्रसिद्ध अभिनेता अखिलेंद्र मिश्र की तीसरी पुस्तक ‘आत्मोत्थानम्’ का विमोचन विश्व पुस्तक मेला में आचार्य बालकृष्ण, डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी , साहित्यकार ओम निश्चल, डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी एवं सर्व भाषा ट्रस्ट के संचालक केशव मोहन पाण्डेय ने किया।
विमोचन के अवसर पर अखिलेंद्र मिश्र ने अपनी कविता संग्रह ‘आत्मोत्थानम्’ से कविता पाठ भी किया।
दर्शकों के विशेष अनुरोध पर अखिलेंद्र मिश्र ने अपनी कविता ‘हिंदी’, ‘सरस्वती’ और ‘लोकतंत्र’ का भी पाठ किया। अखिलेंद्र मिश्र ने अपनी कविता लोकतंत्र में लोकतंत्र की व्याख्या आध्यात्मिक रूप से की है। सरस्वती कविता सरस्वती नदी पर आधारित है। सरस्वती क्या कहती है अपने बारे में, जो सूक्ष्म है, गुप्त है लेकिन लुप्त नहीं है, इस बात को उजागर करती है यह कविता।
‘हिंदी’ कविता हिंदी भाषा की जो व्यापकता है, वैज्ञानिकता है, भाषा का आध्यात्मिक स्वरूप है उसे दर्शाती है “हिंदी” कविता। तीनों कविताओं का दर्शकों ने ख़ूब रसास्वादन किया।
‘आत्मोत्थानम्’ अखिलेंद्र मिश्र की तीसरी पुस्तक है। उनका पहला कविता संग्रह ‘अखिलामृतम्’ है । दूसरी पुस्तक अभिनय पर आधारित है ‘अभिनय, अभिनेता और अध्यात्म’ है और तीसरी पुस्तक ‘आत्मोत्थानम्’ कविता संग्रह है।
श्री मिश्र एक सिद्ध अभिनेता और रंगकर्मी होने के साथ-साथ अब साहित्य की तरफ़ बढ़ चले हैं।
श्री मिश्र ने अपने अभिनय से दर्शकों का ख़ूब मनोरंजन तो किया ही है, हम उम्मीद करते हैं कि उनकी यह साहित्यिक यात्रा समाज को और साहित्य को एक नई दिशा देगी।

matruadmin

Next Post

'इक चेहरा ख़्याल में' का विमोचन सम्पन्न

Sun Feb 23 , 2025
ग़ज़ल वक्त के साथ चलती है- श्री अंसारी किताब की कोई कुण्डली नहीं बना सकता- श्री शर्मा इन्दौर। सुनील कुमार ‘नील’ के ग़ज़लनुमा कविताओं के संग्रह ‘इक चेहरा ख़्याल में’ का लोकार्पण संस्मय द्वारा इंदौर प्रेस क्लब में रविवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में लोकार्पण मुख्य अतिथि अज़ीज़ अन्सारी, अध्यक्षता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।