पिता को नमन

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gunvati
पिता से अस्तित्व मेरा,पिता हैं जीवन बीज,
गुरु बनकर दी,सन्मार्ग की मुझको सीख़।
संघर्ष सिखाया और जगाया मेरा स्वाभिमान,
प्रतिछाया हूँ उनकी,पिता से मेरी पहचान।
पीड़ा  जब होती मुझको,तो सह नहीं पाते थे,
बिन देखे मुझको,दो पल रह नहीं पाते थे।
जतन से सम्भाला मुझको,दिया स्नेह दुलार,
छूटा जब  साथ उनका,रुक गया  मेरा संसार।
विदा हुए जग से,पर मन में सदा  रहते हैं,
घबराना नहीं कभी तुम,कानों में यह कहते हैं।
निराशा आती जब,कहती हूँ उनसे मन की बात,
आशीष मिलता मुझको,सिर पर रखते अपना हाथ।
रोम-रोम में ऋण उनका,भूल न पाऊँगीं वह प्यार,
पूज्य पिता के चरणों में,नमन  है मेरा बारम्बार॥
                                                                          #गुणवती गुप्ता ‘गार्गी’
परिचय : सुश्री गुणवती गुप्ता छत्तीसगढ़ के पुसौर (जिला रायगढ़) में रहती हैं। आपकी शिक्षा एम.ए.(संस्कृत) और जन्म स्थान पुसौर ही है। व्यवसाय से प्रधान पाठक हैं। सन्त गाडगे लोक शिक्षक अवार्ड 2014 सहित बेस्ट टीचर ऑफ़ दी इयर अवार्ड 2015,सावित्री बाई फुले नेशनल अवार्ड 2016 से भी आप सम्मानित हैं। विभिन्न विषयों पर लेखन करती रहती हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।