इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के प्रतिष्ठित शताब्दी सम्मान के लिए वर्ष 2023 में प्रख्यात साहित्यकार एवं पदमश्री से सम्मानित डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी और डॉ. संतोष चौबे को प्रदान किया जाएगा। इसमें साहित्यकारद्वय को एक-एक लाख रुपये की सम्मान निधि और मानपत्र भेंट किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में समिति के प्रधानमंत्री श्री अरविंद जवलेकर ने बताया कि डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी सन् 2013 से 2017 तक साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रहे। इस पद पर चयनित होने वाले वे हिन्दी के प्रथम लेखक हैं। श्री तिवारी ने महज 28 वर्ष की उम्र में छायावादोत्तर हिन्दी गद्य साहित्य पर आलोचनात्मक ग्रंथ लिखा। भारत सरकार ने उनकी साहित्य साधना के लिए उन्हें वर्ष 2023 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
प्रादेशिक स्तर पर आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संतोष चौबे को भी समिति शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। उपन्यासकार, कहानीकार और कवि होने के साथ डॉ. संतोष चौबे ने अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथों का संपादन किया है। समिति शताब्दी से सम्मानित होने वाले साहित्यकारद्वय को शीघ्र आयोजित होने वाले भब्य एवं गरिमापूर्ण समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
सम्मान समिति के संयोजक डॉ. पुष्पेंद्र दुबे ने बताया कि ‘इसके पूर्व यह सम्मान डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित, डॉ. रामदरश मिश्र, डॉ.प्रभाकर श्रोत्रिय, श्री जी. गोपीनाथन, डॉ. प्रभात कुमार भट्टाचार्य, डॉ.विजय बहादुर सिंह, डॉ. कमकिशोर गोयनका, डॉ. रमेशचंद्र शाह, श्री बलराम, श्रीमती चित्रा मुद्गल, डॉ. दामोदर खड़से, प्रो. रमेश दवे, श्रीमती ज्योत्सना मिलन, डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी, डॉ. श्यामसुंदर दुबे, डॉ. जयकुमार जलज, श्री शिवनारायण, डॉ. कृष्ण अग्निहोत्री, श्रीमती मालती जोशी, श्री बी.एल. आच्छा, श्री राजकुमार कुंभज, डॉ. देवेंद्र दीपक और डॉ.अग्नि शेखर को प्रदान किया गया है।’ पत्रकार वार्ता का संचालन प्रचार मंत्री हरेराम वाजपेयी ने किया।
विदेश से भी आती है अनुशंसाएँ
शताब्दी सम्मान के लिए चयन समिति के पास विदेश में रहने वाले भारतीय अथवा भारतीय मूल के लेखकों की भी अनुशंसाएँ प्राप्त होती है। इस वर्ष भी कई विदेशी साहित्यकारों की अनुशंसा भी मिली।