नितेश कुशवाह की ग़ज़ल

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जो ढोलक बजती-बजती काँपती है।
किसी बेजां की चमड़ी काँपती है।।

किसी अपने से बिछड़े थे यहीं पर,
इसी रस्ते पे गाड़ी काँपती है।।

वो जिस दिन भूल कर आती है स्वेटर,
ज़मीं सारी की सारी काँपती है।

बिछड़ने का हुआ था ज़िक्र जिसमें,
अभी तक भी वो चिट्ठी काँपती है।।

ये डर लगता है वो मुश्किल में ना हो,
कि जब-जब लौ दीए की काँपती है।

जो ग़लती से भी छूटे हाथ उसका,
मेरी साँसों की डोरी काँपती है।।

यही अंतिम मिलन मन्दोदरी का,
इसी मौके पे थाली काँपती है।।

नितेश कुशवाह

बड़वानी, मध्यप्रदेश

परिचय

नाम :- नितेश कुशवाह

जन्म दिनांक :- 16 दिसंबर 1994

शिक्षा: एम.ए. हिंदी साहित्य, वर्तमान में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर

मूल निवासी: नागलवाड़ी, बड़वानी, मप्र
वर्तमान निवास: राजेन्द्र नगर, इंदौर (मध्यप्रदेश)

उपलब्धियाँ:
1) नई दुनिया, दैनिक भास्कर, पत्रिका, इन्दौर समाचार, नवभारत टाइम्स, दबंग दुनिया, टाइम्स ऑफ़ इंडिया व अन्य समाचार पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर लेख एवं कविताओं का प्रकाशन।
2) HBtv Yuva राज्य स्तरीय टीवी न्यूज़ चैनल पर काव्यपाठ एवं साक्षात्कार प्रसारित |3)मातृभाषा उन्नयन संस्थान (वैश्विक) के बैनर तले हुई काव्यगोष्ठी में काव्यपाठ, राहत इंदौरी जी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, आई आई टी इंदौर में काव्यपाठ, मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी (सम्भागीय मुशायरा) भोपाल एवं अनेक राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय कवि सम्मलेन तथा काव्यगोष्ठियों में काव्यपाठ।
4) 5 साहित्यिक पुस्तकों का सम्पादन।
5) मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा काव्यदीप सम्मान से सम्मानित।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।