भारत को समझने के लिए हिन्दी को अपना रहे विदेशी – कैलाश विजयवर्गीय

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डॉ.प्रेरणा ठाकरे की पुस्तक महक जाफ़रानी लोकार्पित

इन्दौर। हमारा साहित्य बहुत समृद्ध है, हमें इसे समृद्ध मानना होगा। हिन्दी की दुर्दशा कभी नहीं हो सकती। अब तो हाल यह है कि भारत को समझने के लिए विदेशी भी हिन्दी सीख रहे हैं।’
यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कही। श्री विजयवर्गीय शनिवार शाम डॉ. प्रेरणा ठाकरे की पुस्तक महक जाफ़रानी के विमोचन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर बतौर अतिथि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक जीतू जिराती, वरिष्ठ पत्रकार सुदेश तिवारी और हेमचंद मित्तल मंच पर मौजूद रहे। प्रेस क्लब के सभागृह में यह विमोचन समारोह आयोजित किया गया था।
दीप प्रज्वलन उपरांत अतिथियों का स्वागत शिवाजी डींगू आदि ने किया।


शब्द स्वागत एवं पुस्तक पर अपनी बात रखते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि ‘इस पुस्तक में प्रेम, शृंगार, विरह से समायोजित ग़ज़ल हैं, जिसमें भाव प्रधानता है।’
शब्द स्वागत के उपरांत अतिथियों ने पुस्तक विमोचन किया। तत्त्पश्चात डॉ. प्रेरणा ठाकरे ने पुस्तक पर प्रकाश डाला।
अतिथि संबोधन में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने कहा कि ‘महक जाफ़रानी किताब जाफ़रान की महक समान है।’

श्री सुदेश तिवारी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ‘कविता कल्याणी होती है।’ पुस्तक विमोचन का संचालन एवं संयोजन कवि अतुल ज्वाला ने किया।
विमोचन उपरांत काव्य उत्सव का आरम्भ हुआ, जिसमें मंचस्थ गिरेन्द्र सिंह भदौरिया प्राण, भुवन मोहिनी, अमन अक्षर, अतुल ज्वाला, प्रेरणा ठाकरे रहे। संचालन अंशुल व्यास ने किया।
इस काव्य उत्सव में गौरव साक्षी, अवनीश पाठक सूर्य, मनीष कुमार मन, रुद्र प्रताप रुद्र, स्वाति सनोडिया, शिवा इन्दौरी, लव यादव व प्रद्युम्न शर्मा ने काव्य पाठ किया।

समारोह में वरिष्ठ आशु कवि प्रदीप नवीन, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी, डॉ नीना जोशी, शिखा जैन, सुषमा व्यास राजनिधि, नितेश गुप्ता, जलज व्यास, दामिनी ठाकुर, ऋतु साहू, विजय पाटीदार , राजेश मंडले, अजय यादव , शैलेश पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।