मातृभाषा डॉट कॉम पर रामलला मन्दिर प्राणप्रतिष्ठा विशेष ‘कविता लेखन प्रतियोगिता’ आयोजित

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यदि आप कविता लिखते हैं तो मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता।

विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें रामलला मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा या उससे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर होगा।

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प्रतियोगिता के नियम:-

  1. प्रतियोगिता में केवल मातृभाषा उन्नयन संस्थान के वार्षिक / आजीवन या राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ही भाग ले सकते हैं।
  2. आपकी रचना देवनागरी लिपि में टंकित होनी चाहिए। यह प्रतियोगिता पूर्णतः निःशुल्क है।
  3. सभी प्रकार की पद्य सकारात्मक रचनायें मान्य हैं।
  4. विषय- रामलला मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा या उससे जुड़े विषय
  5. रचना में किसी भी प्रकार के अश्लील, असामाजिक व राष्ट्र विरोधी शब्द नहीं होने चाहिए और न ही इससे सन्दर्भित कोई रचना मान्य है।
  6. एक रचनाकार केवल एक ही रचना भेज सकता है।
  7. संस्थान के सम्पादक मण्डल व चयन समिति द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचना का चयन किया जाएगा एवं विजेता का नाम 15 जनवरी 2024 को घोषित कर उन्हें उपहार व डिजीटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
  8. चयन पैनल का निर्णय सर्वमान्य होगा।
  9. रचना के नीचे रचनाकार की सामान्य जानकारी, जैसे- नाम, पता, सम्पर्क सूत्र, ई-मेल आदि अवश्य लिखा होना चाहिए एवं एक पासपोर्ट फ़ोटो ज़रूर संलग्न करें।
  10. प्रतियोगिता में शामिल होने व रचना भेजने की अंतिम तिथि 10 जनवरी 2024 है, इसके बाद किसी भी रचनाकार की रचना स्वीकार नहीं की जाएगी।
  11. रचना, परिचय व फ़ोटो matrubhashaa@gmail.com पर ईमेल करना है या +919406653005 पर वॉट्सएप भी कर सकते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।