यह किस्मत किसने बनाई है!

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मैं पूछना चाहता हूँ
प्लेटफॉर्म पर शव के साथ एक
खेलते हुए बच्चे की
किस्मत किसने लिखी होगी?

शव के साथ खेलता हुआ बच्चा
हमसे कहना चाहता हैं
शव होना ही इस मुल्क के लिए खिलौना है।।

प्लेटफॉर्म पर शव के साथ खेलते हुए बच्चे की
आंख में आंख डालकर क्या कोई यह कह सकता है कि
मैं इस मुल्क का वजीर -ए आलम हूँ
मैं इस मुल्क का मुंसिफ हूँ
या बच्चे की आंखों में आंख डालकर क्या कोई कह सकता हैं कि

मैं इस देश का सबसे बड़ा कवि हूँ
या मैं इस देश का पत्रकार हूँ
क्या कोई मास्टर बच्चे से कह सकता है कि
मैं सबसे योग्य मास्टर हूँ।।

प्लेटफार्म पर शव के साथ खेलता हुआ बच्चा
इस मुल्क का भविष्य है / वर्तमान है
और हम इस मुल्क के आदमी की शक्ल में सबसे खतरनाक बौने हैं।।

नीतीश मिश्र

परिचय

नीतीश मिश्र
जन्मतिथि-1/31982
शिक्षा-एमए हिंदी साहित्य इलाहाबाद विश्वविद्यालय
संप्रति-कवि एवं पत्रकार
भोपाल, मध्यप्रदेश

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