#दिवाकर
Read Time1 Minute, 10 Second
लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे
मुंबई या गुजरात हो हमको फिरना है मारे मारे
इस कुर्सी की राजनीति ने बना दिया हमको उल्लू
दिया गिलासा खाली मुझको उड़ा लिया पूरा टुल्लू
मेरी टूटी खाट तुम्हारे सोने के वारे न्यारे
लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे ।।।।
बातें सोलह आने की पर काम नहीं बस धेला है
जाति धर्म के दंगों में बस जनता को ही ठेला है
हम तरसे अंगुल भर को तेरे बीघों में गलियारे
लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे ।।।।
किस रस्ते चलना है किसको अंधों की जिम्मेदारी
लब पर मेरे लगा दिया है गूंगो की पहरेदारी
चोर पुलिस या पुलिस चोर है सब के सब पॉकेट मारे
लेकर हमने क्या करना है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
January 23, 2018
ऋतुराज का वैभव
-
February 27, 2018
एक कविता ऐसी भी……..
-
June 29, 2018
बेनकाब
-
April 30, 2018
ऐसा संत नहीं पाया