महिला शिक्षाविदों की लघुकथाओं का संग्रह ‘संचयन’ विमोचित

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सांसद लालवानी ने बताया अद्भुत एवं नवीन प्रयोग

इंदौर। विचार प्रवाह साहित्य मंच द्वारा इंदौर में रविवार को अखिल भारतीय लघुकथा अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें इंदौर की महिला शिक्षाविदों की लघुकथाओं के संग्रह ‘संचयन’ का विमोचन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी, साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे की अध्यक्षता सहित मराठी साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक अश्विन खरे, कवि नरेंद्र मांडलिक, विचार प्रवाह की संस्थापक अध्यक्ष सुषमा दुबे, वर्तमान अध्यक्ष मुकेश तिवारी का विशिष्ट आतिथ्य रहा।

संचयन को संस्मय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है व इसका सम्पादन ख्यात शिक्षाविद प्रो.( डॉ.) संगीता सिंघानिया भारूका के द्वारा किया गया है। इस संग्रह में प्रो.( डॉ.) इंदिरा दीक्षित, प्रो.( डॉ.) रेणु मेहता सोनी, प्रो.( डॉ.) रीता जैन, प्रो.( डॉ.) इरा बापना, प्रो.( डॉ.) बबिता कड़किया, प्रो.( डॉ.) स्निग्धा भट्ट, प्रो.( डॉ.) अनुपमा छाजेड़, प्रो.( डॉ.) आराधना चौकसे, प्रो.( डॉ.) संगीता सिंघानिया भारूका, डॉ. स्वाति सिंह व डॉ. वन्दना मिश्र मोहिनी की लघुकथाओं को शामिल किया गया है। इस संग्रह में इंदौर के कई महाविद्यालयों की प्राचार्य व प्राध्यापक शामिल हैं।

विमोचन के मौके पर सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि ‘शिक्षाविदों का कार्य अध्यापन है, इसके बावजूद साहित्य में रुचि होना अद्भुत है। शिक्षाविदों की लघुकथाओं का संग्रह एक अनूठा प्रयोग है, जिसके लिए पूरी टीम को बधाई।’

विमोचन में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, अर्चना मण्डलोई, रमेश चन्द्र शर्मा आदि मौजूद रहे, साथ ही, संस्मय प्रकाशन से शिखा जैन व भावना शर्मा ने भी शुभेच्छाएँ प्रेषित कर रचनाकारों का अभिनन्दन किया।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।