डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’ देवपुत्र गौरव सम्मान से सम्मानित

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शिक्षा मंत्री श्री परमार का आश्वासन, बाल साहित्य को पाठ्यक्रमों में करवाएंगे सुलभ

इन्दौर। देश के प्रख्यात बाल साहित्यकार डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’ शाहजहाँपुर उ.प्र. प्रसिद्ध बाल पत्रिका मासिक देवपुत्र द्वारा प्रतिष्ठित देवपुत्र गौरव सम्मान से सम्मानित किए गए। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री मा. इंदरसिंह जी परमार ने की। कार्यक्रम के विशेष अतिथि और मुख्य वक्ता विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान नईदिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. किशनवीर सिंह जी शाक्य, नोएडा थे।

स्थानीय देवपुत्र सभागार में आयोजित इस गरिमामय आयोजन में इस वर्ष का बाल साहित्य जगत का प्रतिष्ठित देवपुत्र गौरव सम्मान नगर एवं बाहर के वरिष्ठ साहित्यकारों एवं प्रतिष्ठित नागरिकों की उपस्थिति में प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’ को 35 हजार रूपये की सम्मान निधि, मानपत्र एवं शाल श्रीफल प्रदान किए गए। समारोह के आरंभ में प्रधान संपादक श्री कृष्णकुमार जी अष्ठाना ने प्रास्ताविकी एवं स्वागत भाषण देते हुए देवपुत्र के उद्देश्य एवं विस्तार पर प्रकाश डाला। आपने बताया कि देवपुत्र गौरव सम्मान सम्पूर्ण देश में बाल साहित्य में विशेष अवदान के लिए प्रतिवर्ष किसी एक वरिष्ठ बाल साहित्यकार को प्रदान किया जाता है यह बाल साहित्य का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा सम्मान है। पत्रिका के संचालक सरस्वती बाल कल्याण न्यास के अध्यक्ष डॉ. कमलकिशोर जी चितलांग्या ने समारोह में अपने उदगार और देवपुत्र की कार्ययोजना प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रबंध न्यासी सीए. राकेश भावसार, कोषाध्यक्ष श्री मोहनलाल जी गुप्ता प्रबंध संपादक शशिकान्त फडके, प्रांत संगठन मंत्री अखिलेश मिश्रा, एवं अम्बिकादत्त कुंडल ने किया स्मृति चिन्ह विद्या भारती के नगरीय शिक्षा प्रांत प्रमुख श्री पंकज जी एवं प्रादेशिक सचिव श्री प्रकाश जी धनगर तथा मध्य भारत प्रांत के नगरीय शिक्षा प्रांत प्रमुख श्री राम भावसार ने किया। आरंभ में सरस्वती वंदना श्रीमती नीता भामोतकर एवं उनकी शिष्याओं ने प्रस्तुत की। आभार प्रदर्शन प्रबंध न्यासी सीए राकेश भावसार ने किया। संचालन कार्यकारी संपादक गोपाल माहेश्वरी ने किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।