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एक दीप उनका का भी,
रख लेना पूजा की थाली में।
जिनकी सांसे थम गई थी,
भारत माँ की रखवाली में.!!
एक दीये की आशा लेकर,
अन्न दाता भी बैठा है। ।
राज तो पहले रूठ रहा,
अब राम भी जिससे रूठा है।
निर्धन का कोई धर्म न होता,
जाति भी हो बेमानी ।।
एक दीया उनका भी रखकर,
समझो उनकी राम कहानी।।
एक दीप शिक्षा का रखकर,
आखर अलख जगालो तुम।
जगमग होगी दुनिया सारी,
दीपोत्सव खूब मनालो तुम।
चार दीप सब सच्चे मन से,
दीपोत्सव पर रोशन करना।
मन में दृढ़ सकल्प यही हो,
हमें देश हित जीना-मरना।
और दीप भी खूब जलाना,
खुशी मने परिजन के साथ।
खील बताशे लक्ष्मी-पूजन,
गोवर्धन,फिर दूज भी साथ।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः