भारत से हमारा संस्कार औऱ साहित्य का नाता- डॉ बुद्धू
हिन्दी व भोजपुरी भाषा की सेवा के लिए मॉरीशस में बहुत सक्रिय है डॉ. बुद्धू
इन्दौर। ‘भारत मेरे पुरखों की जन्मभूमि है, जो मेरे लिए पुण्यभूमि है। भारत की प्रगति देखकर बहुत आनंद आता है। मेरा इस पुण्यभूमि से संस्कार और साहित्य का नाता है।’ यह बात मॉरीशस से पधारीं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सरिता बुद्धू ने कही। मॉरीशस में हिन्दी व भोजपुरी को लेकर वर्षों से काम कर रहीं डॉ. बुद्धू को शुक्रवार सुबह इन्दौर में मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया।
अपने सम्मान के बाद भावुक हुईं डॉ. बुद्धू ने भारत और मॉरीशस सहित कई देशों में हिन्दी के लिए किए जा रहे प्रयासों की जमकर तारीफ़ की। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा 21 लाख लोगों के हस्ताक्षरों को हिन्दी में बदले जाने के अभियान पर विस्तार से जानकारी लेते हुए ख़ुशी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि ‘मैंने यहाँ आकर महसूस किया कि मध्य प्रदेश व इन्दौर में हिन्दी व साहित्य को लेकर बहुत अच्छा काम हो रहा है।’
हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्थान ’मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एवं सारण भोजपुरिया समाज के संस्थापक बिमलेन्दु भूषण, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रघुवंशी, अर्देन्दु भूषण, मुकेश तिवारी द्वारा डॉ. बुद्धू को भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया गया।
डॉ. बुद्धू वर्षों से मॉरीशस में साहित्य सेवा में संलग्न हैं, भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन, मॉरीशस की अध्यक्ष हैं व मॉरीशस के पूर्व उप प्रधानमंत्री हरीश बुद्धू की पत्नी हैं।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आईं डॉ. बुद्धू भोजपुरी भाषा के प्रथम उपन्यासकार स्व: रामनाथ पाण्डेय के परिवार के इन्दौर आवास पर पधारीं। भोजपुरी समाज द्वारा भी डॉ. बुद्धू का स्वागत किया गया।