मित्रता की परिभाषा

0 0
Read Time1 Minute, 59 Second

मित्र शब्द है जाना पहचाना सा,
दिल के क़रीब कोई अपना सा,
जिससे नहीं हो कोई भी सम्बन्ध,
पर हो दिल के गहरे बंधन
तो वह है मित्र..

जो बिन कहे सब समझ जाएं
जिसे देख दर्द भी सिमट जाए,
जिसे देखकर ही आ जाये सुकून
और सब तनाव हो जाये गुम.
तो वह है मित्र ….

जब मुश्किलों से हो रहा हो सामना,
और लगे कि अब किसी को है थामना
उस वक्त जो सबसे पहले आए
बिन कहे जो हाथ बढ़ाये
तो वह है मित्र……

निःस्वार्थ, निश्छल, सब सीमाओं से पार
जैसे हो कृष्ण और सुदामा,
जहाँ बीच में न आए कोई भाषा,
न कोई उम्मीद, न कोई आशा
बस यही है मित्रता की परिभाषा

रुचिता तुषार नीमा

इन्दौर

परिचय

जन्म – 2 जुलाई
स्थान – इंदौर
शिक्षा: स्नातकोत्तर (जूलॉजी) होलकर साइंस कॉलेज,
B.ed. इग्नू
प्रकाशन – निजी काव्य संग्रह- अज्ञात की खोज, अनेक पत्र पत्रिकाओं में कविताओं, आलेख और लघुकथा का प्रकाशन एवम साझा कृतियों में प्रकाशन

प्राप्त सम्मान/पुरस्कार:
संस्कृति श्री अलंकरण(मंथन इंटरनेशनल जबलपुर),देशभक्ति गौरव सम्मान( जागरण संस्था), सुर्मिला अलंकरण (नेमा दर्पण) .काव्य आभा अलंकरण , वर्तिका शक्ति श्री सम्मान , शब्द साधना अलंकरण ,मध्यप्रदेश नारी गौरव सम्मान. मंथन काव्य पीयूष अलंकरण , राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच एवम अन्य जगहों पर सम्मानित

matruadmin

Next Post

वह

Wed Dec 14 , 2022
मुश्किल तो यह है कि वह बड़ी मुश्किल से मिलता है और मिलता है जब तो बड़ी मुश्किल से खुलता है चलता तो है साथ मगर मुश्किल से चलता है सिमटता है शरमाता है और दुनिया से डरता है। लगता तो है कभी-कभी ऐसे हो मेरा नसीब जैसे मुकेश तिवारी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।