मैं एक उड़ती चिड़िया सी,
किस ओर निकल जाऊँ कह नहीं सकती
पंख फैलाए आसमान में
क्षितिज को छू आऊँ कह नहीं सकती।
कभी बैठूं मैं इस डाल पर
कभी निकल जाऊ दूर गगन
कभी मुंडेर पर बैठ गाऊँ।
कभी पानी में करू छपक
मुझे पाना नहीं है कुछ, न ही खोने के लिए है कुछ
मुझे तो बस उड़ना है, दूर गगन तक उड़ना है।
ये प्यारी सी है दुनिया अपनी,
इसी में मुझे खुश रहना है
मैं एक नन्हीं चिड़िया सी,
कब कहाँ मैं उड़ जाऊँ कह नहीं सकती।
रुचिता तुषार नीमा
इन्दौर
परिचय
जन्म – 2 जुलाई
शिक्षा: स्नातकोत्तर (जूलॉजी) होलकर साइंस कॉलेज,
B.ed. इग्नू
प्रकाशन –
पुस्तक प्रकाशन
‘अज्ञात की खोज’
(कविता संग्रह जो साहित्य अकादमी के द्वारा अनुदान हेतु चयनित)
अनेक पत्र पत्रिकाओं में कविताओं, आलेख और लघुकथा का प्रकाशन एवं साझा कृतियों में प्रकाशन
प्राप्त सम्मान/पुरस्कार:
संस्कृति श्री अलंकरण(मंथन इंटरनेशनल जबलपुर),
देशभक्ति गौरव सम्मान( जागरण संस्था),
सुर्मिला अलंकरण (नेमा दर्पण)
काव्य आभा अलंकरण ,
वर्तिका शक्ति श्री सम्मान ,
शब्द साधना अलंकरण ,
मध्यप्रदेश नारी गौरव सम्मान,
मंथन काव्य पीयूष अलंकरण,
राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच एवं अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मानित