कविता संग्रह ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ का विमोचन एवं चर्चा मंगलवार को

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इन्दौर । मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन एवं चर्चा में मंगलवार को लेखिका नीलम तोलानी ’नीर’ के कविता संग्रह ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ का विमोचन एवं चर्चा का आयोजन स्थानीय शिवाजी सभागार, श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में सायं छह बजे होगा। इस आयोजन में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय कवि डॉ. राजीव शर्मा व अध्यक्षता वामा साहित्य मंच की अध्यक्ष अमरजीत कौर चड्डा करेंगी, साथ ही, विशेष अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी मौजूद रहेंगे। पुस्तक संस्मय प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुई है।
पुस्तक चर्चाकार के रूप में वामा साहित्य मंच की सचिव इन्दु पराशर उपस्थित रहेंगी व कार्यक्रम का संचालन अंशुल व्यास करेंगे।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं संस्मय की संस्थापक शिखा जैन ने बताया कि ‘स्थापना दिवस पर कविता संग्रह का विमोचन होना महत्त्वपूर्ण है। पुस्तक चर्चा का उद्देश्य हिन्दी व कविता का प्रसार है, इस बहाने पाठकों तक नई पुस्तकों की जानकारी पहुँचती है।’

रचनाकार नीलम तोलानी ‘नीर’ ने कहा कि ‘उनकी पुस्तक में समाज की कुरीतियों के साथ कबीर संबंधित कविताओं का समावेश किया है, जो पाठक मन तक ध्यानाकर्षित करती हैं।’

पुस्तक विमोचन एवं चर्चा में शहर के सुधि साहित्यिकजनों सहित गणमान्य नागरिक सम्मिलित होंगे।

कौन है नीलम तोलानी ‘नीर’, जानिए ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ की लेखिका को

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कौन है नीलम तोलानी 'नीर', जानिए 'कितना मुश्किल कबीर होना' की लेखिका को

Mon Oct 31 , 2022
नाम- नीलम तोलानी “नीर” पिता:श्री गोविंद सचदेव माता:श्रीमती शारदा सचदेव पति:श्री हरीश तोलानी पु़त्र :खुश तोलानी, रिद्धिमान तोलानी जन्म तारीख – 23/05 शिक्षा- Bsc, MFA,(FINANCE), WSP ..IIM BANGLURU रुचियाँ- लेखन-पठन प्रकाशन: साझा संग्रह: “गूंज”,” शब्दों की पतवार” “शब्द समिधा”,”स्वच्छ भारत” शब्द मंजरी। सिसृषा ,ब्रज कुमुदेश , काव्यांजलि जैसी छंद पत्रिकाओं […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।