पापा का प्यार

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piyush
जिसकी अंगुली थामकर
घूमा पूरा संसार,
कैसे भूल सकता हूँ मैं
पापा का वह प्यार।

मेरी हर गलती पर
मुझे प्यार से समझाते,
मुझे आगे बढ़ाने को
हमेशा सही राह दिखाते।

मेरी हर जरुरत को
वो पूरा कराते,
क्या सही है क्या गलत
वो मुझे समझाते।

ऊपर से है कड़क
पर अंदर से है नरम,
पापा नहीं करते हैं प्यार
ये है हमारा भ्रम।

उनके प्यार करने का
तरीका थोड़ा है न्यारा,
उनका कहा हर सबक
मुझको लगता है प्यारा।

उनका साया हमारे ऊपर
हमेशा रहे बरक़रार,
इसी तरह मिलता रहे
मुझे पापा का प्यार।।

                                                                          #पीयूष राज

परिचय : पीयूष राज की उम्र मात्र १७ साल है, पर लेखन में खासे सक्रिय हैं। कविता और कहानी लिखना इनको पसंद है। २०१५ से कविता लिखते हुए अब तक ५७ लिख चुके हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में यह प्रकाशित हो चुकी हैं। आप जिला दुमका (झारखण्ड)में बसे हुए हैं। वर्तमान में दुमका में द्वितीय वर्ष (डिप्लोमा अभियंत्रण छात्र) में अध्ययनरत हैं।

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