मोहब्बत हो ये, जरूरी तो नहीं

0 0
Read Time56 Second

मिले हर दिल को मोहब्बत हो ये, जरूरी तो नहीं,
मिले हर गाम पे शोहरत हो ये, ज़रूरी तो नहीं।

यहाँ – वहाँ तलक झूठे ही झूठे रहते है,
उनमें सच कहने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं।

कोई भी काम में छोटा ना बड़ा होता है,
मिले हर काम में इज्ज़त ये ज़रूरी तो नहीं।

मेरे वालिद के नसीहत ही काम आती है,
मिले सबको ये नसीहत ये ज़रूरी तो नहीं।

उमा शिव
बालाघाट , म. प्र.

शिक्षा – एम. ए. , बी. एड. , पी जी डी सी ए, योग प्र. पत्र।
सम्प्रति ( कार्यक्षेत्र ) – प्रेरक शिक्षिका , व्यवसाय।
विधा – कविता ,हास्य – व्यंग्य, गीत – गज़ल।
प्रकाशन – समाचार पत्र – पत्रिकाओं में व काव्य संकलनों में।

matruadmin

Next Post

कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी

Wed Jun 30 , 2021
कभी तो तुम्हे ,मेरी याद आयेगी। होगे जब तन्हा मेरी याद सतायेगी सावन जब जब आयेगा, काली घटाएं घिर जाएंगी। बिजली चमकेगी आसमां में, मेरी शक्ल याद आयेगी। कभी तो तुम्हे मेरी याद आयेगी, होगे जब तन्हा मेरी याद सतायेगी जाओगे जब बिस्तर पर, रात अंधेरी हो जायेगी। ढूंढोगे जब […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।