बाल निषेध दिवस

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पूर्व में किये थे अच्छे कर्म
तभी तो पाया मनुष्य जन्म।
क्या मनुष्य जन्म मिलना ही
इस दुनियाँ में काफी है ?
सोचो समझो और करो विचार
फिर निभाओं अपना दायित्व यार।
क्या हम दे पा रहे है
अपने बच्चों को अच्छे संस्कार।।

पेटकी भूख मासूम बच्चों से
क्या कुछ नहीं करवाती है।
जब खिलौनो से खेलने के दिन थे
तब उनसे खिलौने बिकवाती है।
मैदान में खेलने कूदने के दिनों में
उनसे मैदान साफ करवाती है।
स्वर्थी इंसान अपने सुख के लिए
मासूमो के बचपन को छीन लेती है।।

होना था शिक्षा के मंदिर में उन्हें
तब मंदिर के बाहर फूलमाला बेच रहा।
औरो की दुआओ के लिए खुदका
भविष्य ईश्वर के समाने मिटा रहा।
होनी थी जब किताबे हाथ में तब
भूख मिटाने के लिए किताबे बेच रहा।
और देश के निर्माताओं को सच का
दर्पण बिना शिक्षित होकर दिखा रहा।।

शर्म आती नहीं देशकी सरकार को
बालनिषेध कानून बनाना काफी हैं।
बच्चों को शिक्षित करने के लिए
भरपेट खाना के साथ शिक्षा दिलाये।
और बाल मजदूरी से उन्हें बचाये
और उनका बचपन उन्हें लौटाये।
और इस नेक काम में हम आप
मिलकर अपनी भूमिका निभाये।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन “बीना” मुंबई

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।