सब इक दूजे के सहचर हों

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devendr aag
आओ इन जीर्ण दरख्तों में थोड़ी-सी जान फूंकते हैं,
इनके अंतस की पीड़ा को स्वर-लय दे आज़ हूँकते हैं।

शायद कोई तो समझ सकेगा, दर्द मौन आशाओं का..
या फ़िर बन जाएगा कोई, अनुगामी अभिलाषाओं का।

भू का कम्पन समझे कोई, आवेश समझ ले अम्बर का..
कुदरत की हर पीड़ा समझे तोड़े तिलिस्म आडम्बर का।

वृक्षों की करुण वेदनाएं, प्यासी सरिताओं के पथ को..
विष युक्त समीरा फैल रही, कोई रोके इसके रथ को।

खग-मृग औ’ कीट पतंगा हो, जलचर या कि उभयचर हो..
सबको जीने का हक सम हो, सब इक दूजे के सहचर हों।

व्यवहार करे न अब व्याकुल, मानव का जीवन के सत को..
इकक्षत्र राज़ है अवनी पर, कोई तो तोड़े इस मत को।

इसलिए स्याह शब्दों में, चिंगारी को सदा छोड़ता हूँ..
मैं अंगारों पर लेखन की, लेकर तलवार दौड़ता हूँ।

आओ-आओ तुम भी आओ, है जो मशाल इन हाथों में..
हिम्मत का वसा उढ़ेलो,
मेरे आग भरे जज्बातों में।

चाहो तो मेरे पथ के अनुगामी, या बनो सारथी तुम..
तुम ही शिव,तुम ही सत्य, तुम्हीं हो देश और भारती तुम।

                                                                    #देवेन्द्र प्रताप सिंह ‘आग’

परिचय : युवा कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह ‘आग’ ग्राम जहानाबाद(जिला-इटावा)उत्तर प्रदेश में रहते हैं।

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।