एक बात बताती हूँ,
सुन मेरी लाडली।
सुन मेरी लाडली,
तू तो बड़ी भोली है।।
आजा मेरी बिटिया,
तुझे लोरी सुनाऊँ मैं,
गोदी में अपने प्यार से,
तुझको सुलाऊँ मैं।।
आजा मेरी गुड़िया तुझे,
किस्सा सुनाऊँ मैं।
जीवन से सारे अनुभव,
तुझको बताऊँ मैं।।
माँ ने तेरी देखे हैं रंग,
जीवन के लाडली।
सुन मेरी लाडली,
तू तो बड़ी भोली है।।
काँटों भरी राहों पर,
चलना सिखाऊँ मैं।
गिर कर भी रास्ते में,
संभलना सिखाऊँ मैं।।
धोखे के वार से सदा,
बचना सिखाऊँ मैं।
घूँट ज़हर के तुझको,
पीना सिखाऊँ मैं।।
माँ ने तेरी झेला है जो,
वो तू झेले ना लाडली।
सुन मेरी लाडली,
तू तो बड़ी भोली है I।
स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद-औरैया